राहत इंदौरी, जिनकी शेरो-शायरी ने न सिर्फ़ उर्दू साहित्य को समृद्ध किया, बल्कि हर दिल में अपनी एक ख़ास जगह बनाई। उनकी शायरी में ग़ज़ब की तासीर है—कभी दिल को छूने वाली, कभी हंसी में डुबोने वाली, तो कभी सोचने पर मजबूर करने वाली।
इस लेख में हम पेश कर रहे हैं 470+ बेहतरीन राहत इंदौरी की शेरो-शायरी, जो आपके दिल को छू जाएगी।
मोहब्बत भरी Rahat Indori Shayari ❤️🌹
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का,
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले।
तेरे बारे में जब सोचा नहीं था,
तभी से तुझसे मोहब्बत करने लगे थे।
उसे अब के वफ़ाओं से गुजर जाने की जल्दी थी,
बहुत मुमकिन है वो पहले से ही बर्बाद बैठा हो।
मेरे चेहरे पे खुशी के चराग जलते हैं,
जब तू कहता है, “तू ही मेरा सब कुछ है।”
तेरे इश्क़ की इन्तिहा चाहता हूँ,
मेरी सादगी देख क्या चाहता हूँ।
अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें,
जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें।
आँखों में पानी रखो, होंटों पे चिंगारी रखो,
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो।
मैं तुझे भूल के ज़िंदा रहूं,
खुद को ज़िंदा नहीं मानता।
जो इश्क़ करता है, वो ग़म से डरता नहीं,
और जो डरता है, वो इश्क़ करता नहीं।
तुझसे बिछड़ के भी तुझे चाहा है मैंने,
ये इश्क़ है जनाब… कोई खेल थोड़ी है।
तेरे जाने से कुछ बदला नहीं इस शहर में,
बस एक तुझको देखने वाले कम हो गए।
अगर तू पास होती तो शायद ये हाल न होता,
तन्हाई में दिल की हालत बयाँ करनी मुश्किल है।
तेरी मोहब्बत ने मुझे दीवाना बना दिया,
अब होश में आना भी मुझे अच्छा नहीं लगता।
मुझे उस मोड़ पे छोड़ आया तू,
जहाँ से कोई रास्ता ही वापस नहीं आता।
तेरे ख्याल से शुरू होती है मेरी हर सुबह,
और तुझ पर ही आके शाम ढल जाती है।
कितना मुश्किल है इश्क़ निभाना,
हर रोज़ एक नई आग में जलना पड़ता है।
हम से मत पूछो मोहब्बत के बारे में,
हम तो हर दर्द को तेरी याद समझ कर सहते हैं।
तुझसे मिलकर ये जाना हमने,
मोहब्बत भी कोई चीज़ होती है।
उसके ख्याल से ही रूह तक महक उठती है,
ऐसा असर है मोहब्बत का।
तुझसे नज़रे मिलाई थी,
तब से हर आईने से डर लगता है।
चाँद तेरा चेहरा है और रात तेरी ज़ुल्फें,
तू न हो तो फिर क्या मज़ा इन सज़ाओं में।
मोहब्बत थी तुम्हारी जो निभा न सके,
वरना हम तो आज भी अकेले वफ़ा करते हैं।
उस की मोहब्बत को क्या नाम दूँ,
जो हर दर्द में भी मुस्कुराहट दे।
मैंने जब भी तुझे देखा,
खुदा की बनाई एक नज़्म सी लगी।
इश्क़ है या इबादत,
कुछ समझ नहीं आता, जब भी तुझे देखता हूँ।
तू जब सामने होती है,
तो बाकी सब धुंधला लगने लगता है।
तुम पूछो मोहब्बत क्या होती है,
हर शाम तेरा ख्याल आ जाना ही काफी है।
नजऱें चुराकर जब उसने देखा,
बस उसी पल से दिल उसका हो गया।
तुझे चाहना मेरा इबादत बन गया है,
और तुझे पाना मेरी तक़दीर।
वो मोहब्बत ही क्या जो इम्तिहान मांगती है,
हमने तो तेरे बिना ही सब कुछ कुबूल कर लिया।
मेरे इश्क़ की पहचान है तू,
मेरी रूह में बसी जान है तू।
दिल की किताब में तेरी तस्वीर रखी है,
अब कोई और चेहरा जचता नहीं।
तू जो न हो तो कोई कमी सी लगती है,
हर सूरत अधूरी, हर बात अधूरी सी लगती है।
ख्वाबों में जब भी तुझसे बात होती है,
नींद मेरी सबसे हसीन बन जाती है।
उस मोड़ पर फिर मुलाक़ात हो,
जहां दिल ने पहली बार तुझे चाहा था।
जब भी तू पास आता है,
मेरा दिल खुदा से पहले तेरा शुक्र अदा करता है।
तुझे खो कर भी तेरी तलाश रही,
ये इश्क़ नहीं तो फिर क्या है?
मोहब्बत की राहें आसान नहीं होतीं,
हर मोड़ पर एक इम्तिहान होती है।
तुझे चाहने की खता हमसे हो गई,
अब हर सांस में तेरा नाम है।
हद से ज़्यादा तुझे चाहना मेरा जुर्म सही,
पर तेरे बिना जीना सज़ा लगती है।
तुम्हारी यादों से मेरी रातें रोशन हैं,
वरना इस दिल का अंधेरा कौन समझे।
दिल में एक ख्वाहिश बसी है,
तुझसे इश्क़ करने की आखिरी सांस तक।
तुमसे मोहब्बत करके हम अमीर हो गए,
वरना जज़्बातों की कोई कीमत नहीं होती।
तेरी हर बात दिल को भा जाती है,
जैसे बारिश की बूंदें सूखी ज़मीन को।
अब ना दिल किसी और को देगा,
तुझे ही हमने मुक़म्मल समझ लिया।
क्या लिखूं तुझ पर?
अल्फ़ाज़ भी तेरे आगे फीके लगते हैं।
तू मिले या ना मिले,
तेरा ख्याल तो हमेशा रहेगा।
तेरा नाम जब भी ज़ुबान पे आता है,
दिल खुद-ब-खुद मुस्कुरा उठता है।
मोहब्बत है तुझसे बेपनाह,
तुझसे जुदा रहना सज़ा लगती है।
इश्क़ में भी क्या खूब बात होती है,
कोई रो कर भी खुश होता है।
जब भी तेरा नाम लबों पर आता है,
दिल को सुकून मिल जाता है।
तुझे पाने की ख्वाहिश नहीं रही अब,
बस तुझे देखने का नशा चाहिए।
तेरे इश्क़ की बदौलत अब खुद से प्यार होने लगा है।
मोहब्बत की हद को जानना है तो,
बिना कहे तेरा दर्द समझो।
तुझसे मिलकर अब ये एहसास हुआ,
अधूरे लोग भी मुकम्मल लग सकते हैं।
मैं तुझसे दूर रहकर भी तेरा ही बना रहा।
दिल करता है तुझे हर घड़ी पढ़ता रहूं,
जैसे कोई खूबसूरत किताब हो तू।
तेरा होना ही काफी है,
बाकी सब फिजूल है।
तुझसे इश्क़ करने की वजह भी तू ही है।
तुझे चाहना अब मेरी आदत बन चुकी है,
और आदतें आसानी से नहीं जातीं।
Read: 470+Dhokebaaz Shayari: दिल को छू लेने वाली शेरो-शायरी
दर्द और तन्हाई की Shayari 💔🌙
कोई हाथ भी ना मिलाएगा जो गले मिलोगे तपाक से,
ये नए मिज़ाज का शहर है, ज़रा फ़ासले से मिला करो।
बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर,
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ।
बैठ जाता हूँ मिट्टी पे अक्सर,
क्योंकि अपनी औकात अच्छी लगती है।
हम वहाँ हैं जहाँ से हमको भी कुछ हमारी ख़बर नहीं आती।
मेरे बारे में किसी को कोई राय नहीं बनानी चाहिए,
मैं टूट कर भी मुस्कुराता हूँ।
तन्हा रहता हूँ मगर उदास नहीं,
तन्हाई ने मुझे खुद से मिलवाया है।
किसी के बगैर भी अब चैन आने लगा है,
खुद को अकेले देख मुस्कुराने लगा है।
हर किसी के पास नहीं होता वो हुनर,
जो तन्हाई में भी खुश रहना सिखा दे।
वो जो मुस्कुरा रहा था मेरा हाल पूछकर,
अब तक रो रहा होगा जवाब सुनकर।
न कोई शिकवा है तुझसे, न कोई गिला,
बस तन्हा हूं… और तेरा नाम लिया करता हूं।
तन्हा तन्हा मत चल ऐ दोस्त,
भीड़ में खो जाने का डर होता है।
जब तन्हा होते हैं, तब ख्याल बहुत आते हैं,
और जिनके ख्याल आते हैं, वही तो रुलाते हैं।
बहुत कुछ कहने का मन करता है,
पर तन्हाई सब चुप करवा देती है।
जब तक हँसते हैं लोग सब साथ होते हैं,
रोते ही सब तन्हा कर जाते हैं।
रिश्ते टूट जाएं तो दर्द होता है,
पर जो तन्हा करते हैं वो ज़्यादा तकलीफ देते हैं।
वो साथ नहीं तो क्या हुआ,
ख्यालों में तो हर वक़्त रहता है।
तेरे बिना भी रह लेंगे,
पर तन्हा बहुत महसूस करेंगे।
हम खुद को खो बैठे किसी और को पाने में।
लोग पूछते हैं इतना मुस्कुराते क्यों हो,
दर्द छुपाने की भी एक अदा होती है।
अब तो तन्हाई भी सहने लगी है मुझे,
जैसे वो भी मेरे हाल से वाक़िफ़ हो गई हो।
कभी तन्हाई में बैठे रो लिया करो,
दिल हल्का हो जाता है।
जो अंदर से मर चुके हैं,
वो किसी के जाने से क्या टूटेंगे?
इस तन्हाई में अब तो कोई साया भी नहीं,
जो बात करे, जो पास आए।
रात भर जागती हैं ये आंखें मेरी,
तन्हाई में अब नींद भी परायी लगती है।
उसने कहा था ना छोड़ेंगे कभी,
आज उसी की कमी सबसे ज़्यादा खलती है।
दिल में इतना दर्द छुपा रखा है,
कोई पास आए तो आंसू बह जाएँ।
तन्हाई में अक्सर वही लोग मिलते हैं,
जिनको हम खो चुके होते हैं।
वक़्त के साथ कुछ आदतें नहीं जातीं,
जैसे तन्हा रहना।
किसी के जाने से क्या ग़म हो,
जो कभी अपना था ही नहीं।
तन्हाई से डर लगता था पहले,
अब वही सबसे अच्छा साथ लगता है।
मोहब्बत अधूरी रह जाए तो दर्द बन जाती है।
जब दिल ही टूट गया,
फिर जी के क्या करेंगे?
हम ने हर बार तुझे टूट के चाहा,
और हर बार टूट के रह गए।
वो रिश्ता ही क्या,
जो तन्हाई दे जाए?
खुदा से एक ही सवाल है मेरा,
क्यों हर सच्चा प्यार अधूरा रह जाता है?
जिस्म से जुदा तो कर दिया तूने,
पर रूह अब भी तुझसे लिपटी है।
तेरे जाने का इतना असर हुआ,
कि अब खुद को ढूँढ रहा हूँ।
कभी खुद से बात कर लिया करो,
तन्हाई कम लगेगी।
इतना भी क्या सोचता है ए दिल,
जो चला गया वो लौटेगा क्या?
नींद अब नहीं आती,
ख्वाबों में भी तन्हा हूँ।
वो कहते हैं तन्हा रहना सुकून देता है,
पर सच्चाई है, ये सुकून चुभता है।
हम भी मुस्कुरा सकते थे भीड़ में,
पर तन्हाई को चुना क्योंकि वो असली थी।
तन्हा कर के गया वो,
जैसे कोई किरदार अधूरी कहानी में।
यादें अब भी वहीँ हैं,
बस अब तुम नहीं हो।
तन्हा हूँ मगर रोता नहीं,
बस हर रोज़ खुद को समझाता हूँ।
हर बात पे हँसने वाले को
तन्हा मत समझो।
अब तो रोने में भी तसल्ली नहीं मिलती,
शायद आंसू भी थक गए हैं।
किसे पता था मोहब्बत इतनी तन्हा कर देगी।
एक उम्र बीत गई ख्वाबों में जीते हुए,
हकीकत ने बस तन्हाई दी।
जबसे तू गया,
तन्हाई का वजूद बन गया हूँ।
तन्हा रहना अब आदत बन चुकी है।
तेरा जाना ही काफी था मुझे तोड़ने के लिए।
कभी किसी के बिना जीना सीखो,
बहुत सुकून मिलता है।
जिनसे प्यार करते हैं,
वही सबसे ज्यादा तन्हा कर देते हैं।
वो पल लौट कर नहीं आते,
जिनमें हम हँसा करते थे।
तन्हाई भी अब अपना घर समझने लगी है।
खुद को अकेले पाया तो
खुद से ही दोस्ती कर ली।
सब कुछ पास होकर भी
तन्हा महसूस करता हूँ।
वो जो कहते थे तन्हा नहीं छोड़ेंगे,
वही सबसे पहले चले गए।
तन्हाई भी अब डराती नहीं,
आदत सी हो गई है।
Motivational Rahat Indori Shayari 💪🔥
अगर खिलाफ हैं होने दो जान थोड़ी है,
ये सब धुआं है कोई आसमान थोड़ी है। ☁️
खामोशियाँ ही बेहतर हैं,
अल्फ़ाज़ अक्सर धोखा देते हैं।
अब न हम हैं, न तू है, न वो दौर रहा,
ज़िंदगी जैसे एक अधूरी कहानी हो गई।
हिम्मत से सच बोलो, डर कैसा,
झूठ तो सब कह लेते हैं।
जीतने का मज़ा तभी आता है,
जब सब आपके हारने का इंतज़ार कर रहे हों। 🏆
शोर मत कर दुनियाँ में अपनी जीत का,
ख़ामोशी से पहचान बनाओ ये ज़्यादा बेहतर है।
हम पर चलने लगे हैं ज़माने के तीर,
अब अपना वजूद बनाना जरूरी हो गया है।
वक़्त अच्छा जरूर आता है,
मगर वक़्त पर ही आता है।
गिरने से डरोगे तो कभी उड़ नहीं पाओगे।
लड़ना पड़ता है खुद से भी कभी-कभी,
जीतने के लिए खुद को ही हराना पड़ता है।
जो आज साहिब-ए-मसनद हैं, कल नहीं होंगे,
किराएदार हैं, ज़ाती मकान थोड़ी है।
तूफ़ानों से आंख मिलाओ,
सैलाबों पर वार करो।
मुश्किलें तो आती रहेंगी,
रुकना मत, चलते रहो।
कांटे भी होंगे रास्तों में,
पर चलना है तो चलना है।
उड़ान तो भरनी ही है,
चाहे पंख हों या हौसला।
मंज़िल मिले ना मिले ये तो मुक़द्दर की बात है,
हम कोशिश भी ना करें ये तो ग़लत बात है।
ज़िंदगी ने कई बार गिराया है,
पर उठना मैंने कभी छोड़ा नहीं।
जो मंज़िलों को पाने की चाह रखते हैं,
वो थक कर नहीं बैठते।
मेहनत इतनी खामोशी से करो,
कि सफलता शोर मचा दे।
डर के आगे जीत है,
और हौसले के पीछे रास्ता।
मैंने अपनी खुश्क आँखों से लहू छलका दिया,
इक समंदर कह रहा था मुझको पानी चाहिए।
हाथ ख़ाली हैं तेरी बस्ती से जा रहे हैं हम,
ज़िंदगी! देख ले तुझे क्या छोड़ जा रहे हैं हम।
हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है,
तुम ही कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तगू क्या है।
आसमान में उड़ने का शौक है मुझे भी,
मगर अपने पैरों से ज़मीन नहीं छोड़ता।
जो लोग खुद से लड़ते हैं,
उन्हें दुनिया कभी नहीं हरा सकती।
सारा शहर अब मेरे नाम से जानता है,
हौसला रखो, पहचान बनाने में वक़्त तो लगता है।
मैं वो दरिया हूँ कि हर बूंद भँवर है जिसकी,
मुझे समुंदर से मिलने से कोई डर नहीं लगता।
तू सोचता है हार गया,
मैं कहता हूँ, अभी तो कोशिश अधूरी है।
जितनी ठोकरें खाई हैं,
उतना ही सीधा रास्ता सीखा है।
गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में,
वो तिफ़्ल क्या गिरे जो घुटनों के बल चले।
खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले,
खुदा बंदे से खुद पूछे, बता तेरी रज़ा क्या है।
मैं खामोश हूँ क्योंकि मुझे अपने आप पर भरोसा है।
कभी हार मत मानो,
क्योंकि बड़े बदलाव वक्त लेते हैं।
लोग पूछते हैं तन्हा क्यों हो,
मैंने कहा रास्ता भी खुद बनाना है और मंज़िल भी।
हर हाल में खुश रहना एक आर्ट है।
तूफ़ान आएंगे ज़िंदगी में,
पर डूबना या तैरना, ये आप तय करते हो।
खुद को इतना मजबूत बना लो,
कि दूसरों की सोच से फर्क ना पड़े।
अपने फैसले खुद लो,
क्योंकि जवाब भी तुम्हें ही देना होगा।
जब हौसला बना लिया ऊँचाइयों को छूने का,
फिर कोई बहाना नहीं चलता।
जो जले थे दूसरों के दिए से,
अब खुद रौशनी देने लगे हैं।
कामयाबी तक का सफर अकेले तय करना पड़ता है।
जब दुनिया कहे तू नहीं कर सकता,
तब खुद से कहना – “देखते हैं!”
खुद को बदलो,
क्योंकि कोई और तुम्हारे लिए नहीं बदलेगा।
लड़खड़ाओ, गिरो, उठो,
यही ज़िंदगी है।
मंज़िल उन्हीं को मिलती है,
जिनमें खो जाने का जूनून होता है।
खुदा ने हर किसी को ताक़त दी है,
बस पहचानने की देर है।
जब हारना तय हो,
तब भी जीतने की जिद रखो।
बोलने से पहले सोचो,
और सोचो तो कुछ बड़ा सोचो।
जीत वही है, जो खुद को साबित कर सके।
मुश्किलें आएंगी,
लेकिन रुकना नहीं है।
खुद पे यक़ीन रखो,
ये सबसे बड़ी ताक़त है।
किसी के कहने से तुम छोटे नहीं हो जाते।
सूरज की तरह बनो,
जो अंधेरों से लड़ता है।
उम्मीद वो चीज़ है जो हर तूफ़ान से लड़ सकती है।
असली ताक़त हार के बाद उठने में है।
जितना बड़ा सपना, उतनी बड़ी मेहनत।
रास्ते की रुकावटों को पार करो,
मंज़िल खुद करीब आ जाएगी।
खुद की क़ीमत समझो,
वरना लोग तो मुफ्त में भी नहीं पूछते।
पहचान बनानी है तो अकेले चलो।
हर सूरज को डूबना पड़ता है,
फिर निकलने के लिए।
Deshbhakti aur Jazbaat 🇮🇳🕊️
अगर खिलाफ हैं होने दो जान थोड़ी है,
ये सब धुआं है कोई आसमान थोड़ी है। ☁️
खामोशियाँ ही बेहतर हैं,
अल्फ़ाज़ अक्सर धोखा देते हैं।
अब न हम हैं, न तू है, न वो दौर रहा,
ज़िंदगी जैसे एक अधूरी कहानी हो गई।
हिम्मत से सच बोलो, डर कैसा,
झूठ तो सब कह लेते हैं।
जीतने का मज़ा तभी आता है,
जब सब आपके हारने का इंतज़ार कर रहे हों। 🏆
शोर मत कर दुनियाँ में अपनी जीत का,
ख़ामोशी से पहचान बनाओ ये ज़्यादा बेहतर है।
हम पर चलने लगे हैं ज़माने के तीर,
अब अपना वजूद बनाना जरूरी हो गया है।
वक़्त अच्छा जरूर आता है,
मगर वक़्त पर ही आता है।
गिरने से डरोगे तो कभी उड़ नहीं पाओगे।
लड़ना पड़ता है खुद से भी कभी-कभी,
जीतने के लिए खुद को ही हराना पड़ता है।
जो आज साहिब-ए-मसनद हैं, कल नहीं होंगे,
किराएदार हैं, ज़ाती मकान थोड़ी है।
तूफ़ानों से आंख मिलाओ,
सैलाबों पर वार करो।
मुश्किलें तो आती रहेंगी,
रुकना मत, चलते रहो।
कांटे भी होंगे रास्तों में,
पर चलना है तो चलना है।
उड़ान तो भरनी ही है,
चाहे पंख हों या हौसला।
मंज़िल मिले ना मिले ये तो मुक़द्दर की बात है,
हम कोशिश भी ना करें ये तो ग़लत बात है।
ज़िंदगी ने कई बार गिराया है,
पर उठना मैंने कभी छोड़ा नहीं।
जो मंज़िलों को पाने की चाह रखते हैं,
वो थक कर नहीं बैठते।
मेहनत इतनी खामोशी से करो,
कि सफलता शोर मचा दे।
डर के आगे जीत है,
और हौसले के पीछे रास्ता।
मैंने अपनी खुश्क आँखों से लहू छलका दिया,
इक समंदर कह रहा था मुझको पानी चाहिए।
हाथ ख़ाली हैं तेरी बस्ती से जा रहे हैं हम,
ज़िंदगी! देख ले तुझे क्या छोड़ जा रहे हैं हम।
हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है,
तुम ही कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तगू क्या है।
आसमान में उड़ने का शौक है मुझे भी,
मगर अपने पैरों से ज़मीन नहीं छोड़ता।
जो लोग खुद से लड़ते हैं,
उन्हें दुनिया कभी नहीं हरा सकती।
सारा शहर अब मेरे नाम से जानता है,
हौसला रखो, पहचान बनाने में वक़्त तो लगता है।
मैं वो दरिया हूँ कि हर बूंद भँवर है जिसकी,
मुझे समुंदर से मिलने से कोई डर नहीं लगता।
तू सोचता है हार गया,
मैं कहता हूँ, अभी तो कोशिश अधूरी है।
जितनी ठोकरें खाई हैं,
उतना ही सीधा रास्ता सीखा है।
गिरते हैं शहसवार ही मैदान-ए-जंग में,
वो तिफ़्ल क्या गिरे जो घुटनों के बल चले।
खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले,
खुदा बंदे से खुद पूछे, बता तेरी रज़ा क्या है।
मैं खामोश हूँ क्योंकि मुझे अपने आप पर भरोसा है।
कभी हार मत मानो,
क्योंकि बड़े बदलाव वक्त लेते हैं।
लोग पूछते हैं तन्हा क्यों हो,
मैंने कहा रास्ता भी खुद बनाना है और मंज़िल भी।
हर हाल में खुश रहना एक आर्ट है।
तूफ़ान आएंगे ज़िंदगी में,
पर डूबना या तैरना, ये आप तय करते हो।
खुद को इतना मजबूत बना लो,
कि दूसरों की सोच से फर्क ना पड़े।
अपने फैसले खुद लो,
क्योंकि जवाब भी तुम्हें ही देना होगा।
जब हौसला बना लिया ऊँचाइयों को छूने का,
फिर कोई बहाना नहीं चलता।
जो जले थे दूसरों के दिए से,
अब खुद रौशनी देने लगे हैं।
कामयाबी तक का सफर अकेले तय करना पड़ता है।
जब दुनिया कहे तू नहीं कर सकता,
तब खुद से कहना – “देखते हैं!”
खुद को बदलो,
क्योंकि कोई और तुम्हारे लिए नहीं बदलेगा।
लड़खड़ाओ, गिरो, उठो,
यही ज़िंदगी है।
मंज़िल उन्हीं को मिलती है,
जिनमें खो जाने का जूनून होता है।
खुदा ने हर किसी को ताक़त दी है,
बस पहचानने की देर है।
जब हारना तय हो,
तब भी जीतने की जिद रखो।
बोलने से पहले सोचो,
और सोचो तो कुछ बड़ा सोचो।
जीत वही है, जो खुद को साबित कर सके।
मुश्किलें आएंगी,
लेकिन रुकना नहीं है।
खुद पे यक़ीन रखो,
ये सबसे बड़ी ताक़त है।
किसी के कहने से तुम छोटे नहीं हो जाते।
सूरज की तरह बनो,
जो अंधेरों से लड़ता है।
उम्मीद वो चीज़ है जो हर तूफ़ान से लड़ सकती है।
असली ताक़त हार के बाद उठने में है।
जितना बड़ा सपना, उतनी बड़ी मेहनत।
रास्ते की रुकावटों को पार करो,
मंज़िल खुद करीब आ जाएगी।
खुद की क़ीमत समझो,
वरना लोग तो मुफ्त में भी नहीं पूछते।
पहचान बनानी है तो अकेले चलो।
हर सूरज को डूबना पड़ता है,
फिर निकलने के लिए।
दोस्ती और रिश्तों की Shayari 🤝💬
कुछ दोस्त दिल में होते हैं,
और कुछ दिल के बहुत करीब। 🫂
दोस्ती अगर सच्ची हो,
तो वक़्त और फासले कुछ नहीं बिगाड़ सकते।
ये जो तेरी मेरी हँसी बाँट लेता है,
वही तो मेरा सबसे अच्छा दोस्त है।
हमने तुझसे दोस्ती की है,
मुनाफ़ा नहीं देखा, सिर्फ़ नीयत देखी है।
तू हँसता रहे ताउम्र मेरे दोस्त,
यही दुआ है मेरी हर रोज़ की।
जब दोस्त साथ हो तो रास्ते भी आसान लगते हैं।
जो बिना कहे समझ ले,
वही तो असली दोस्त होता है।
वक़्त बदलता है, लोग नहीं…
बस चेहरे पर रिश्तों का नकाब उतर जाता है।
सच्चे दोस्त कभी छोड़ा नहीं करते,
बस हालातों में थोड़ा खो जाते हैं।
तेरा साथ था तो हर मोड़ आसान लगा,
वरना ये ज़िंदगी तो अकेली ही थी।तेरे जैसे दोस्तों पर नाज़ है हमें,
जो हर मोड़ पर साथ खड़े रहे।
दोस्त वही है जो बिना बोले भी समझ जाए।
जो दिल से निभाए वो रिश्ता होता है,
वरना नाम के रिश्ते तो बहुत हैं।
खामोश रह कर भी समझा सकते हैं कुछ लोग,
ये हुनर सिर्फ़ दोस्ती में होता है।
तू हँसता रहे बस यही चाह है,
दोस्ती में और क्या मांगे कोई?
तेरे जैसा यार मिले तो मुक़द्दर जाग जाता है।
दोस्ती जब सच्ची हो,
तो लड़ाई भी मोहब्बत लगती है।
वक़्त निकल जाता है पर यादें रह जाती हैं।
किसी ने पूछा दोस्ती की परिभाषा,
हमने कहा – तू ही तो है!
यारों की यारी में कभी कमी नहीं आती,
बस फुर्सत नहीं होती जताने की।
रिश्ते निभाना हर किसी के बस की बात नहीं होती,
वक़्त, मोहब्बत और समझदारी चाहिए।
जो रिश्ता दिल से जुड़ा हो,
वो कभी नहीं टूटता।
रिश्ता वही खास होता है,
जो खामोशी में भी महसूस होता है।
रिश्तों में कभी मतलबी मत बनो,
क्योंकि जब जरूरत बदलती है, तब लोग भी बदलते हैं।
सच्चे रिश्ते आवाज़ नहीं देते,
पर दिल में हमेशा गूंजते रहते हैं।
रिश्ते वो नहीं जो दुनिया दिखाए,
रिश्ते वो हैं जो दिल से निभाए जाएं।
हर रिश्ता एक इम्तिहान होता है,
और हर इम्तिहान में पास होना आसान नहीं।
दिल से दिल तक की जो डोर होती है,
वही सबसे मजबूत रिश्ता होता है।
जब रिश्ता टूटता है,
आवाज़ नहीं आती… सिर्फ़ खामोशी चुभती है।
रिश्तों में भरोसा ना हो,
तो वो रिश्ता सिर्फ नाम का रह जाता है।दोस्ती में नाराज़गी हो सकती है,
पर नफ़रत नहीं। 🙅♂️
हमने तुम्हें अपना समझा,
और तुमने हमें ही पराया कर दिया।
दोस्ती में ग़लतफ़हमियाँ भी आ जाती हैं,
पर सच्ची यारी दूर नहीं होती।
कई बार अपनों से ज़्यादा गैर समझदार निकल जाते हैं।
तू बदल गया या हालात?
सच्चाई तो अब चुभती है।
दोस्त बनकर जो धोखा दे जाए,
उससे बड़ा दुश्मन कोई नहीं।
यारी को हम कभी छोटा नहीं समझते,
बस अब दिल से निभाना मुश्किल हो गया है।
मतलबी यार से अकेलापन बेहतर है।
जिसने तुम्हें कभी समझा ही नहीं,
उसे खो देने का कोई ग़म नहीं।
दोस्ती में शक की गुंजाइश नहीं होती।
पुरानी यारी की मिठास आज भी है,
भले ही बात न होती हो। 🕰️
वो चाय की दुकान, वो कॉलेज का कोना,
आज भी तेरी याद दिला देता है।
वक़्त तो बीत गया,
पर तेरी दोस्ती की खुशबू आज भी सांसों में है।
तुम जो थे, तो लगता था, सब आसान है।
ना तुझे खोया है,
ना तुझसे रिश्ता टूटा है… बस हालात बदल गए।
जो दोस्त एक बार दिल में बस जाए,
वो उम्र भर नहीं निकलता।
बचपन की दोस्ती का स्वाद ही कुछ और होता है।
वक्त की रफ्तार ने रिश्तों को दूर कर दिया,
वरना दिल तो आज भी तुम्हारा है।
यादें मिटाई नहीं जातीं,
और दोस्ती कभी पुरानी नहीं होती।
दोस्ती एक जज़्बा है,
जो उम्र, वक्त और दूरी नहीं देखता।
तू रहे या ना रहे पास,
दोस्ती हमेशा साथ रहेगी।
जब हर कोई छोड़ दे,
तब जो साथ दे… वही असली दोस्त।
किसी की हँसी के पीछे अगर तू वजह है,
तो तुझसे बेहतर यार कोई नहीं।
दोस्ती वो नहीं जो मजबूरी में की जाए,
दोस्ती तो वो है जो ख़ुद-ब-ख़ुद हो जाए।
दिल को सुकून मिलता है जब पुराने दोस्तों की आवाज़ सुनाई देती है।
दोस्त कमाए नहीं जाते,
बस वक़्त और भरोसे से बनते हैं।
दोस्ती अगर दिल से हो,
तो सालों की दूरी भी कुछ नहीं।
तू अगर यार है,
तो हर जंग जीत सकता हूँ।
सब कुछ छूट सकता है,
पर यारों की यादें नहीं।
दोस्त वो होते हैं जो वक़्त आने पर “मैं हूं ना” कहें।
हँसी और तंज से भरी Shayari 😄🎭
बहुत ख़ुश हूँ कि अब कोई शिकायत नहीं रही,
चलो अच्छा हुआ… अब मोहब्बत नहीं रही। 😅
अब तो हर हाथ में पत्थर है,
शहर क्या बना है अखाड़ा लग रहा है! 🪨
लोग हर मोड़ पे रुक-रुक के संभलते क्यों हैं,
इतना डरते हैं तो फिर घर से निकलते क्यों हैं?
तुम क्या आये कि हर सिम्त बहार आ गई,
फिर भी लोग कहते हैं… ज़हर खा गई। 😆
इतना क्यूँ सोचते हो, दुनिया क्या कहेगी?
तुम करो बस वही जो दिल कहेगा! 🤷♂️
अपने चेहरे पे इतना नकाब क्यों है,
हर जगह तू ही तू है, फिर खौफ क्यों है?
तुम्हारी आँखों की मस्ती का कोई तोड़ नहीं,
बस बगल वाला लड़का भी यही कह रहा था। 😜
वो पढ़ते क्या थे हमारी शायरी को,
बस लाइक करके स्क्रॉल कर जाते थे।
मोहब्बत कर ली थी खामोशियों से हमने,
और लोग कहते हैं – बेवफा निकले।
काश तुम आईना होते,
तो रोज़ मिलते और चुप रहते। 😏वो जो कहते थे जान हैं हमारी,
आज गली से गुजरते वक्त भी नजर नहीं मिलाते।
जिसे हमने वक़्त दिया,
उसे घड़ी बहुत पसंद आ गई। ⌚
जो लोग कहते थे बिना देखे नहीं रह सकते,
आज सामने भी हों तो दिखते नहीं।
सब की सुनो,
मगर करो वही जो दिल कहे – जैसे नेता करते हैं! 😂
किसी की बेवफाई पर इतना ग़म न कर,
ये दुनिया है… यहाँ मतलब के रिश्ते आम हैं।
हर सच्चा बंदा अकेला ही होता है,
क्योंकि झूठों की भीड़ होती है।
हमने कहा – कुछ तो बोलिए मोहब्बत में,
वो बोले – ऑनलाइन आना छोड़ दो। 😅
जमाने की भी क्या बात है,
जो जितना झूठ बोले वो उतना बड़ा आदमी।
जिसको फुर्सत नहीं मिलती जवाब देने की,
वो स्टोरी अपडेट करने में सबसे तेज़ होता है।
वो पूछते हैं – इतने अकेले क्यों रहते हो?
मैंने कहा – सब अपने आप में व्यस्त हैं।
अब तो आदत सी हो गई है तन्हा रहने की,
लोग इतने बोरिंग हैं क्या बताएं। 😄
मोहब्बत में धोखा मिला,
अब इंस्टाग्राम पर शायरी कर रहे हैं।
शक्ल से मासूम और दिल से खतरनाक हूँ,
खुद पे हँसी आती है कभी-कभी।
वो पूछते हैं – क्या करते हो?
हमने कहा – जले हुए लोगों को मुस्कुराने की वजह देते हैं।
कुछ लोग ऐसे होते हैं,
जिन्हें देख कर लगता है… ब्लॉक करना भी एक कला है। 😂
तुझसे न मिल पाने का ग़म इतना नहीं,
जितना बार-बार नेट बंद होने का होता है। 📶
दुनिया वालों को देखा,
अब खुद से प्यार हो गया है।
जो लड़कियाँ रिप्लाई नहीं देती,
वही खुद “Good Listener” लिखती हैं। 😆
तुम अगर हँस दोगे,
तो लोग कहेंगे – जरूर कोई फ्रॉड कर गया होगा।
हम तो आइना भी चुपचाप देखते हैं,
कहीं वो भी जज न करने लगे।
उसे ‘एंटी नेशनल’ कह दिया जाएगा।
वोट दो, सपने लो…
और अगले 5 साल तक नींद में रहो।
जो नेता हर चीज़ फ्री में दे रहा है,
वो आने वाले वक़्त में तुम्हें भी बेच देगा। 🤑
देश बदलने की बात सब करते हैं,
लेकिन खुद की सोच नहीं बदलते।
झूठ बोलने का हुनर आना चाहिए,
सियासत अपने आप समझ में आ जाएगी।
सच्चाई बोलो तो गद्दार कहलाते हो,
झूठ बोलो तो स्टार बन जाते हो। 🌟
इंसाफ़ यहाँ बिकता है नोटों के वजन से।
कुर्सी पे बैठे लोग,
सबसे ज़्यादा मज़बूर होते हैं – सच्चाई से!
चुप रहो तो शरीफ,
बोल दो तो बदतमीज़!
ये भी अजीब दौर है,
झूठ बोलने वाला नेता… सबसे प्यारा लगता है।जब से शायरी लिखना शुरू किया,
तब से इश्क़ और अकेलापन दोनों बढ़ गए।
लोग कहते हैं – हँसते क्यों नहीं?
मैंने कहा – हँसी अब चार्जेबल हो गई है।
आईने से कहा – तू भी बदल गया,
वो बोला – तू ही थक गया है हर रोज़ दुखी दिखने से।
अकेले रहना बुरा नहीं,
बस कभी-कभी WiFi भी चला जाना बुरा लगता है।
जो लोग ऑनलाइन आकर “Busy” दिखते हैं,
वही असल में अकेले होते हैं।
प्यार में धोखा मिला तो सोचा,
चलो अब Gym जॉइन कर लेते हैं। 💪
हँसना मजबूरी है यार,
वरना रोने की कोई कमी नहीं।
वो जो कहते थे – हर दिन याद करेंगे,
अब नाम सुनकर भी भूल जाते हैं।
खुद से बात करना शुरू कर दिया है,
अब कोई टेंशन नहीं देता।
चेहरे पर मुस्कान है,
पर बैकग्राउंड में सैड सांग बज रहा है।
जब कुछ न समझ आए,
तो “मैं ठीक हूँ” बोल दो।
लोग फेस पर तो कुछ और होते हैं,
स्टेटस पर किसी और के शेर। 🤔
जिसे Block किया था गुस्से में,
आज उसकी DP भी याद आती है।
मोहब्बत अब DND मोड में है।
कोई पूछे – अकेले क्यों हो?
तो बोल देना – बहुत लोग थे, सब सिखाने वाले थे।
अब रिश्ता Facebook फ्रेंडशिप से भी कमजोर है।
जब तुम्हारा मूड ख़राब हो,
तो तुम भी अपनी ही स्टोरी देख लो – हँसी आ जाएगी।
सच्चे लोग दिखते नहीं,
और जो दिखते हैं वो सच्चे नहीं।
हँसते रहो दोस्तों,
वरना लोग कहेंगे – प्यार में धोखा खा गया है।
और आख़िर में…
जिंदगी इतनी भी सीरियस नहीं, जितनी तुम सोचते हो। 😄
खुद्दारी और Attitude Shayari 😎🔥
मेरे किरदार पर शक मत कर ऐ दुनिया,
मैं जैसा बाहर हूँ, वैसा ही अंदर हूँ। 😤
खून अभी भी खौलता है,
जब कोई कहता है – तू कुछ नहीं कर सकता!
मैं झुकने वालों में से नहीं,
और किसी के आगे बिकने वालों में से भी नहीं।
हमसे जलने वाले भी कमाल के होते हैं,
महफिलें खुद की और चर्चे हमारे होते हैं। 🔥
जो मेरे खिलाफ है,
वो कभी मेरे लायक था ही नहीं।
हर किसी को जवाब देना ज़रूरी नहीं होता,
कुछ को नज़रअंदाज़ करना ही सही होता है।
हमसे टकराओगे तो गिर जाओगे,
क्योंकि हम भी उन पत्थरों में से हैं… जिन पर खुदा मिलते हैं।
हम बदलते नहीं हालात से,
हम हालात को ही बदल देते हैं। 😎
अगर कोई हमसे जलता है,
इसका मतलब हममें कुछ खास है।
हम खुद्दार लोग हैं साहब,
तमीज़ से बात करेंगे… वरना जवाब भी मिलेगा, और हिसाब भी।
बात अगर खुद्दारी की हो,
तो हम किसी के बाप से भी नहीं डरते।
हमसे दुश्मनी सोच कर करना,
वरना पछताना पड़ेगा।
चेहरे पर मुस्कान, दिल में आग रखते हैं,
जो खुद को खुदा समझे, उसे भी हम इंसान बना देते हैं।
ज़िंदगी में अगर कुछ करना है,
तो भीड़ से अलग चलो… पहचान अपने आप बन जाएगी।
मैं वो नहीं जो भीड़ में चले,
मैं वो हूँ जिसके पीछे भीड़ चले। 🚶♂️🔥
तमीज़ से बात कर वरना औकात दिखा देंगे।
हम उस लकीर के भी पार हैं जहाँ लोग सोचते भी नहीं।
Attitude तो बचपन से है,
फर्क बस इतना है कि अब लोग Notice करने लगे हैं। 😉
मैं वो खेल नहीं जो तुम खेल सको,
मैं वो खिलाड़ी हूँ जो हर चाल पलट सकता है।
तेरे जैसे हज़ार देखे हैं हमने,
बात करने से पहले नाम पूछते थे।
हाथ जोड़ना हमारी आदत नहीं,
और झुक जाना हमारी फ़ितरत नहीं।
अगर तेरे साथ का भूखा होता,
तो तेरे सामने हाथ फैलाता, नहीं… तुझे छोड़ जाता।
मेरी चुप्पी को मेरी कमजोरी मत समझ,
वक्त आने दे… तेरे मुंह से भी मेरा नाम निकलेगा।
मैंने कभी किसी से खुद को ऊँचा नहीं कहा,
बस जहां झुका वहां मैं था ही नहीं।
झुकता वही है जिसमें जान होती है,
अकड़ तो मुर्दों की पहचान होती है।
तेरे जैसे तो रोज़ आते हैं,
पर मेरे जैसा रोज़ नहीं बनता।
किसी की बैसाखी बनने से बेहतर है,
अकेले चलना सीख ले इंसान। 😤
जो खुद के लिए खड़ा नहीं हो सकता,
वो किसी और की क्या मदद करेगा?
नाम इतना आसान नहीं कमाया हमने,
जो किसी की बातों से बदनाम हो जाए।
खुद्दारी वो दौलत है जो हर किसी के पास नहीं होती।
हमसे जलने वाले भी कम नहीं,
पर हम भी हर बार आग लगाने वाले नहीं।
कुछ लोग हमारी मुस्कान से जलते हैं,
और कुछ हमारी खामोशी से डरते हैं।
अगर हमसे कोई जलता है,
तो इसका मतलब हमारी कोई value है। 😉
हमसे बात करने से पहले आइना देख लिया करो,
कहीं खुद से ही ना शर्मिंदा हो जाओ।
मुझसे उलझने से पहले सोच लेना,
मैं अकेला हूँ, मगर पूरा भारी पड़ता हूँ।
अब जो हमें नहीं समझते,
उन्हें समझाना भी हमने छोड़ दिया है।
हम वही करते हैं जो हमें ठीक लगता है,
और वही बोलते हैं जो दिल से निकलता है।
मैं हवा नहीं जो सबके साथ बह जाऊं,
मैं वो तूफ़ान हूँ जो खुद राह बनाता है। 🌪️
अगर मैं बदल गया तो खेल ही बदल जाएगा।
मुझे हर कोई पसंद नहीं आता,
और ये मेरी कमी नहीं, मेरी क़ीमत है।
नजरें झुका कर बात कर,
वरना नजरों से ही गिरा देंगे।
जिसे खोकर भी सुकून मिले,
वो नुकसान नहीं होता।
जुबान से नहीं, काम से डर लगता है लोगों को।
तू बोलता बहुत है,
पर तेरे लायक जवाब नहीं मेरे पास।
तुमसे बहस नहीं करूंगा,
क्यूंकि तुम्हारा लेवल मुझे शर्मिंदा कर देगा।
तुम्हारा Attitude तुम्हें मुबारक,
हमारा तो खुदा से भी ऊपर है। 😎
मेरे स्टाइल की नकल करने से पहले,
मेरी सोच की ऊँचाई छू के दिखाओ।
हम वो हैं जो चुप रहकर भी बहुत कुछ कह देते हैं।
दिल में रहोगे तो प्यार मिलेगा,
और अगर दिल दुखाया तो खुदा हाफिज़।
जब मैं चुप होता हूँ,
तब लोग मुझे खुदा समझ लेते हैं।
जो लोग हमें मिटाना चाहते थे,
आज हमारी छाँव में खड़े हैं। ☀️
हमारी सोच से डर लगता है लोगों को,
वरना नाम तो सबका होता है।
खुद्दारी वो हुनर है,
जो विरले ही अपने साथ लाते हैं।
जो बात दिल में हो,
वो ज़ुबान पर भी होनी चाहिए।
बात करने से पहले देखो तुम किससे कर रहे हो।
हम झुकते हैं सिर्फ अपने रब के आगे,
बाकी सब हमें सलाम करते हैं। 🙏
दुनिया जो भी कहे,
हम अपनी रफ़्तार में चलते हैं।
Attitude की तो बात ही छोड़ो,
हमारी तो आंखों से ही लोग डरते हैं।
मेरी एक नज़र ही काफी है,
किसी का घमंड तोड़ने के लिए।
हमसे टकराओगे तो पछताओगे,
क्योंकि हम हर बार Heavy पड़ते हैं। 🔥
जीवन और समय पर Rahat Indori Shayari ⏳🕰️
ज़िंदगी अगर किताब होती,
तो हर कोई अपनी मर्ज़ी का सफ़ा पलट देता।
वक़्त ही सबसे बड़ा उस्ताद है,
जो चुपचाप बहुत कुछ सिखा देता है।
हर किसी को मुकम्मल जहां नहीं मिलता,
किसी को ज़मीं तो किसी को आसमां नहीं मिलता।
कुछ लोग वक़्त पर नहीं आते,
और कुछ वक़्त के साथ ही बदल जाते हैं।
हमने वक्त से बहुत कुछ सीखा है,
और लोगों से कुछ नहीं।
ज़िंदगी भी एक इम्तिहान है,
जो हर दिन नया सवाल पूछती है।
अब तो हर लम्हा सवाल बन गया है,
और जवाबों से भरोसा उठ गया है।
वक़्त के साथ चलना है,
तो अपने पैरों को कांटों की आदत डालनी होगी।
वो जो वक़्त था, चला गया,
अब जो है, वो तुम्हारा इम्तिहान है।
जिन्होंने वक्त की कद्र की,
वक़्त ने भी उन्हें सिर चढ़ा लिया।
बदलते वक़्त ने सब बदल डाला,
वफ़ा को बेवफ़ा बना डाला।
वक्त पर जो साथ दे,
वही अपना होता है।
जिसे वक़्त ने गिराया,
उसे कोई नहीं उठा सकता।
वक्त ने सिखाया कि,
खामोश रहना सबसे बेहतर जवाब है।
जो वक्त को समझ गया,
वही सबसे समझदार है।
वक्त किसी का नहीं होता,
और वक्त से बड़ा कोई नहीं।
जिसे वक्त ने मौका दिया,
उसने खुद को साबित कर दिया।
वक्त नहीं लगता बदलने में,
बस इंसान को पहचानने में लग जाता है।
खुदा भी उसी को देता है,
जो वक्त पर मेहनत करता है।
जो वक्त का मोल नहीं समझते,
वक्त उन्हें भुला देता है।
ज़िंदगी की हकीकत ये है,
कि यहाँ हर कोई अकेला है।
खुश रहना भी एक कला है,
जो हर किसी को नहीं आती।
हर मोड़ पर एक नया सबक मिलता है,
यही ज़िंदगी का असली मज़ा है।
ज़िंदगी जादू नहीं,
मेहनत और सब्र का मेल है।
हर किसी की ज़िंदगी में अंधेरे होते हैं,
लेकिन हर किसी के पास चिराग़ नहीं होता।
ज़िंदगी सवाल नहीं,
एक सफ़र है… जिसमें हर मोड़ जवाब बन जाता है।
जहां उम्मीद खत्म होती है,
वहीं से ज़िंदगी की असली शुरुआत होती है।
जो हारा नहीं, वो ही ज़िंदा है।
जीवन में गिरना बुरा नहीं होता,
गिरकर न उठना बुरा होता है।
जो दूसरों की ज़िंदगी आसान बनाते हैं,
उनकी ज़िंदगी कभी मुश्किल नहीं होती।
अनुभव वो आईना है,
जो सिर्फ टूटने के बाद मिलता है।
वक़्त की सबसे बड़ी खासियत यही है,
कि वो कभी रुकता नहीं।
जिनके पास सब्र है,
उनके पास सब कुछ है।
वक्त ने ही सिखाया,
कि किसे छोड़ना है और किसे पकड़ना है।
जो बीत गया, उसे याद मत कर,
जो सामने है, उस पर ध्यान दे।
हमेशा मुस्कराना सीखो,
क्योंकि वक़्त हमेशा एक जैसा नहीं रहता।
तजुर्बा मिल गया,
अब धोखा खाने की ज़रूरत नहीं।
जिसे वक्त ने सिखाया,
उसे कोई भी नहीं गिरा सकता।
वक्त की कीमत वहीं जानता है,
जिसने उसे खोया हो।
वक़्त की कदर करो,
क्योंकि यही सबसे बड़ा teacher है।
हिम्मत रख, सब सही होगा,
तू सिर्फ चलते रह।
ज़िंदगी आसान नहीं होती,
पर नामुमकिन भी नहीं।
जो तुझे रोकना चाहता है,
वो तुझसे डरता है।
हर तूफ़ान के बाद सवेरा होता है,
बस डटे रहो।
जो खुद पे यक़ीन रखे,
वही कुछ बड़ा करता है।
समझदार वही है,
जो हार में भी जीत देखे।
धीरे चलो पर चलते रहो,
यही ज़िंदगी की चाल है।
अकेला मत समझ खुद को,
तेरे साथ तेरा हौसला है।
मुसीबतों से डर मत,
क्योंकि वही तुझे मजबूत बनाती हैं।
कभी कभी ठहर जाना भी जरूरी होता है,
चलने से पहले समझने के लिए।
हर किसी की कहानी अलग होती है,
इसलिए तुलना मत कर।
ज़िंदगी एक किताब है,
हर रोज़ एक नया पन्ना।
जो आज है वो खास है,
कल की फिक्र में आज मत गंवाओ।
वक़्त बदलता है,
और लोग भी… बिना बताए।
हर रिश्ते को समय दो,
क्योंकि वक्त ही सबकुछ सिखाता है।
ज़िंदगी इतनी आसान नहीं होती,
जितनी सोशल मीडिया दिखाता है।
जो मिला है, उसमें खुश रहना सीखो,
वरना कुछ भी काफी नहीं होगा।
हर किसी का वक़्त आता है,
बस सब्र चाहिए।
वक़्त का पहिया घूमता है,
आज नीचे हो, कल ऊपर भी आओगे।
हर लम्हा अनमोल है,
इसे जियो… महसूस करो।
Conclusion
राहत इंदौरी की शेरो-शायरी न केवल शब्दों का खेल है, बल्कि यह हमारे दिलों की गहराईयों में उतरकर हमें सोचने पर मजबूर करती है। उनकी शायरी में दर्द, मोहब्बत, हंसी, और जीवन के संघर्षों की झलक मिलती है।
उम्मीद है कि इस लेख में प्रस्तुत की गई शेरो-शायरी ने आपके दिल को छुआ होगा। यदि आप और भी शेरो-शायरी पढ़ना चाहते हैं, तो हमारे अन्य लेखों पर भी नज़र डालें।
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